Uttarakhand Goverment Portal, India (External Website that opens in a new window) http://india.gov.in, the National Portal of India (External Website that opens in a new window)

News

Print

सीमैट द्वारा 15 अक्टूबर, 2012 से 09 नवम्बर, 2012 तक सम्पादित कार्य

Publish Date: 13-12-2012

सीमैट द्वारा 15 अक्टूबर, 2012 से 09 नवम्बर, 2012 तक सम्पादित कार्य

क्र.स.    प्रशिक्षण एवं कार्यशाला    प्रतिभागियो की संख्या    अवधि
1    माध्यमिक स्तर पर विषयवार उपलब्धि/संप्राप्तिस्तर(सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन) कार्यशाला    52    16.10.2012
से
18.10.2012 तक

    हाल के वर्षों में सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में सैद्धांतिक बदलाव आए हैं एवं तदनुरूप परिप्रेक्ष्य एवं दृष्टि निर्माण हेतु समय-समय पर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यशालाएँ एवं संगोष्ठयाँ आदि आयोजित की गई हैं ताकि विद्यालयी वातावरण का सृजन इस प्रकार हो सके ताकि छात्रों से उनकी रूचियों, योग्यताओं, क्षमताओं के अनुसार विकसित होने के अवसर प्राप्त हो सकें। इसी क्रम में मूल्यांकन भी शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण समेकित अंश है जो छात्र के समस्त पक्षों के आकलन का आधार प्रस्तुत करता है।
     मूल्यांकन के सतत एवं व्यापक स्वरूप को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के प्रयास राज्य में जारी हैं। राज्य में प्रारंभिक स्तर पर मूल्यांकन की सतत एवं व्यापक अवधारणा क्रियान्वित है यद्यपि उसे और परिष्कृत करने की आवश्यकता है। माध्यमिक स्तर पर मूल्यांकन का सतत एवं व्यापक रूप अपेक्षित रूप में क्रियान्वित नहीं है। माध्यमिक स्तर पर पाठ्यक्रम में अनुमोदित संप्राप्ति स्तरों के सही मूल्यांकन हेतु मूल्यांकन के वर्तमान स्वरूप को परिशोधित एवं परिवर्तित करने हेतु कतिपय अंतराल() हैं जो कि अग्रांकित हैंः-
दक्षता आधारित प्रश्नपत्रों का निर्माण, ब्लू प्रिंट अवधारणा सुस्पष्ट नहीं हैं निदानात्मक व उपचारात्मक शिक्षण की समुचित अवधारणा नहीं हैं।  छात्रों के पक्षों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है। संस्थाओं का आपस में समुचित समन्वय नहीं है। विषयों की प्रकृति के अनुरूप मूल्यांकन की प्रविधियों का अभाव है।
     अतः उपर्युक्त को दृष्टिगत रखते हुए मूल्यांकन के सतत एवं व्यापक स्वरूप के सन्दर्भ में व्यापक सूझ विकसित करने तथा सी0सी0ई0 प्रणाली के विविध पक्षों पर चर्चा कर इसे और सुदृढ़ करने हेतु सीमैट सभागार में 16-18 अक्टूबर, 2012 तक दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। उक्त कार्यशाला में छात्रों के विषयवार सम्प्राप्ति स्तर के आकलन हेतु मूल्यांकन का स्वरूप, प्रक्रिया व प्रस्तावित कार्ययोजना निर्मित की गई। उक्त कार्यशाला में सेवानिवृत्त उपायुक्त जवाहर नवोदय विद्यालय समिति; विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर; एस0सी0ई0आर0टी0, रमसा, केन्द्रीय विद्यालय प्रधानाचार्य; एकलव्य आवासीय विद्यालय प्रधानाचार्य, डायट एवं अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन से विशेषज्ञ उपस्थित थे।
क्र.स.    प्रशिक्षण एवं कार्यशाला    प्रतिभागियो की संख्या    अवधि
2    शैक्षिक नेतृत्व एवं प्रबन्धन सम्बन्धी विजन डाॅक्यूमेंट निर्माण कार्यशाला    40    31.10.2012
से
02.11.2012 तक

31-10-2012 से दिनांक 02-11-2012 तक राज्य शैक्षिक प्रबन्धन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट) में शैक्षिक नेतृत्व एवं प्रबन्धन पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला के निम्न उद्देश्य थे-
1.    शिक्षा अधिकारियों को प्रबन्धन एवं नेतृत्व पर प्रशिक्षण हेतु कार्ययोजना का निर्माण करना।
2.    नेतृत्व एवं प्रबन्धन पर सीमैट के लिए विजन डाॅक्यूमेन्ट का निर्माण करना।
3.    भविष्य में पदोन्नत/नवनियुक्त शिक्षा अधिकारियों के प्रशिक्षण हेतु कार्ययोजना का निर्माण करना।
कार्यशाला में राज्य के कोर दल के शिक्षा अधिकारियों एवं विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभाग किया गया। यह कार्यक्रम अजीम प्रेमजी फाउन्डेशन के सहयेाग से संपादित किया गया। कार्यशाला की उपलब्धि निम्नवत हैः-
1.    राज्य के शिक्षा अधिकारियों को प्रभावी नेतृत्व एवं प्रबन्धन के कौैशलों के विकास हेतु कार्ययोजना निर्मित की गई।
2.    आगामी वर्षों हेतु सीमैट के विजन डाॅक्यूमेंट का निर्माण किया गया।
नवीन नियुक्त होने वाले विभागीय अधिकारियों के आधारभूत तथा अभिमुखीकरण प्रशिक्षण हेतु कार्ययोजना निर्मित की गई।

क्र.स.    प्रशिक्षण एवं कार्यशाला    प्रतिभागियो की संख्या    अवधि
3    मुख्य शिक्षा अधिकारियों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों का क्षमता संवर्द्धन प्रशिक्षण    42    05.11.2012
से
09.11.2012 तक

विकेन्द्रीकृत शिक्षा व्यवस्था के तहत अपर निदेशक, मुख्य शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारियों आदि की भूमिकाओं कार्यदायित्वों में परिवर्तन आया है। अपने दायित्वों के कुशल निर्वहन हेतु उन्हें समुचित समन्वयन, पर्यवेक्षण, नई-नई योजनाओं की जानकारी, वित्तीय एवं कार्यालय सुप्रबन्धन, आर0टी0ई0, आर0टी0आई0, विद्यालयी शिक्षा परिषद से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों एवं तत्सम्बन्धी भ्रांतियों के निराकरण हेतु उक्त प्रशिक्षण सम्पन्न किया गया ताकि वे अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन और प्रभावी ढंग से कर सकें।

शोध एवं मूल्यांकन संवंधी कार्य-

क्र.स.    प्रशिक्षण एवं कार्यशाला    प्रतिभागियो की संख्या    अवधि
1    वर्ष 2012-2013 हेतु अनुमोदित शोधों के क्रियान्वयन विषयक शोध सलाहकार समिति बैठक    22    03.11.2012

आज दिनांक 03-11-2012 को सीमैट सभागार में वर्ष 2012-13 हेतु अनुमोदित शोध अध्ययनों के उद्ेश्यों, न्यादर्श चयन, क्रियाविधि, समय निर्धारण, विलम्ब शुल्क एवं अन्य मुद्दों पर शोध सलाहकार समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में विशेषज्ञों की उपस्थिति संलग्न है। बैठक में निम्न निर्णय लिए गए-

Study No. 1: 5% Sample checking of DISE data

    5% Sample checking of DISE data  संबंधित शोध पर लगातार दो वर्षों से कार्यदायी संस्था द्वारा विलम्ब किया जा रहा है। अतः इस वर्ष 2012-13 के अध्ययन हेतु उक्त संस्था से इस अध्ययन हेतु प्रस्ताव आमंत्रित न किया जाय।
    भविष्य में विश्वविद्यालयों/एन0सी0ई0आर0टी0 से शोध अध्ययन करने हेतु विश्वविद्यालयों को भी सूचीबद्ध करने हेतु प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएं।
    शोध समिति की वर्ष में दो बार बैठक की जाय जिसमें पिछली कार्यवाही पर चर्चा कर निर्णय लिए जाएं।
    पूर्व में  DISE data की कमियों का संज्ञान लिया जाय।
    गत वर्ष के अध्ययन से तुलनात्मक विवरण भी प्राप्त किया जाय।
    नए दिशानिर्देशों के अनुसार 10 प्रतिशत जनपदों पर 5% Sample checking  की जानी है। राज्य की भौगोलिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए दो जनपद लिए जायं। नए विकासखण्ड नए 2012-13 के अनुसार लिए जायं।
    इस हेतु जनपद टिहरी और उधमसिंह नगर जनपदों का चयन किया जाय।
    कार्य U-DISE  के अनुसार किया जायेगा।
    5% Sample checking of DISE data नामक शोध 04 माह में सम्पन्न कर लिया जाय।
    कार्य प्रारंभ की तिथि जनपद स्तर पर U-DISE data संकलित होने पर मानी जायेगी जिसकी लिखित सूचना एस0पी0ओ0/आर0एम0एस0ए0 द्वारा सीमैट के माध्यम से चयनित संस्था को दी जायेगी।
Study No. 2: Study on role. awareness, functions and effectiveness of SMC
    शोध अध्ययन का शीर्षक बदलकर *To study the status of SMCs" संशोधित किया जाय।
    TOR में SMC के संगठन के विवरण संबंधी जी0ओ0 सं0 दिया जाय।
    The Objectives-
1.    1-    To assess the process and status of formation of SMCs in the state.
2-    To assess the awareness of SMC members about objetives and fuctions of SMC per RTE provisions.
3-    To assess the functioning of SMCs.
4-    To provide suggestions and recommendation on the basis of finding of study.

उक्त शोध हेतु सैम्पल निम्नवत होंगे-
विद्यालयः- प्रति विकासखण्ड 05 विद्यालय।(03 प्राथमिक एवं 02 उच्च प्राथमिक)
विकासखण्डः-    प्रति जनपद 03 विकासखण्ड।
अध्ययन हेतु निम्न जनपद होंगे- देहरादून, चमोली एवं नैनीताल।
ऽ    न्यूनतम 02 एस0एम0सी0 सदस्य तथा उपरोक्त में से ही एक प्रधानाध्यापक एवं 05 विद्यालयों के 50 प्रतिशत एस0एम0सी0 सदस्यों से मत लिया जायेगा इसमें ग्रामीण तथा शहरी/नगर अर्थात दोनों का ध्यान रखा जाय। प्रति विद्यालय 02 अभिभावकों से भी संपर्क किया जायेगा।
Study No. 3: A Study on the utilization of learning support material in the elementary schools
    बैठक में निर्णय लिया गया कि उक्त अध्ययन सीमैट, एस0सी0ई0आर0टी0 एवं रा0प0का0 सर्व शिक्षा अभियान के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न किया जाएगा। इस हेतु शीघ्र ही उक्त संस्थानों के विशेषज्ञों की बैठक आहूत की जाएगी साथ ही इस बैठक में वाह्य विशेषज्ञ आमंत्रित किए जाएंेगे।
Study No. 4: Study on the impact of pre-schol education through ECCE and Anganwaadi centres.
    उक्त अध्ययन संबंधी शीर्षक को इस प्रकार संशोधित किया जाय- ** Study on impact of pre primary education in grade I and II in the primary schools"
Objectives of study
1-    To assess the academic achievement level of grade I and II children.
2-    To assess the behavourial aspects of grade I and II children.
3-    To study the school readyness of children in grade I.
4-    To study the retention  in the schools in grade I and II.

    Pre school    का आशय ई0सी0सी0ई0 तथा आंगनवाड़ी है। कक्षा 01 में बच्चों की आयु, सामाजिक श्रेणी का विवरण संकलित किया जाय।
    सभी सामाजिक श्रेणियों के आंकड़े लिए जाएं।
    उक्त अध्ययन हेतु सैम्पल का चयन 04 जनपदों के 08 विकासखण्डों से किया जाएगा। प्रत्येक विकासखण्ड से 10 विद्यालय लिए जाएँगे। इस प्रकार कुल 80 विद्यालय चयनित किए जाएँगें। विकासखण्ड के 10 विद्यालयों का चयन इस प्रकार किया जाएगा कि इनमें से 05 में ई0सी0सी0ई0/आंगनवाड़ी हों तथा शेष 05 बिना ई0सी0सी0ई0/आंगनवाड़ी के।
ऽ    अकादमिक उपलब्धि हेतु समस्त बच्चों का परीक्षण किया जाएगा जबकि व्यवहारगत पक्षों पर न्यूनतम 06 बच्चे प्रति विद्यालय लिए जाएँगे।
प्रकाशन-
1.    मुख्य शिक्षा अधिकारियों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों हेतु प्रशिक्षण साहित्य विकास।
2.    पत्रिका हेतु लेखों का संकलन गतिमान।

 

MissionStop

  • To impart quality trainning to the educational administrators and functionaries.
  • To provide research based feedback and policy suggestions for the formation, revision and enrichment of education policy.
  • To help in planning and management of projects with mission mode programmes such as the SSA and  Rashtriya Madhmik Shiksha Abhiyan.
  • To provide carrier counseling and short term carrier development programmes for educational administrators.

read more...

Hit Counter0000390532Since: 16-12-2011