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SCHOOL LEADERSHIP DEVELOPMENT PROGRAM

Publish Date: 05-02-2015

स्कूल लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम 

SCHOOL LEADERSHIP DEVELOPMENT PROGRAM

परिचय (Introduction) राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय (न्यूपा) में गठित एन.सी.एस.एल. (नेशनल सेंटर फार स्कूल लीडरशिप) द्वारा देश में विद्यालय नेतृत्व विकास कार्यक्रम (स्कूल लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम/एस.एल.डी.पी.) प्रारंभ किया गया है। उक्त कार्यक्रम का उद्देश्य संस्थाध्यक्षों में उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता का विकास करना है ताकि उपलब्ध संसाधनों में वे बेहतर परिणाम दे सकें। यह कार्यक्रम सन् 2008 में ‘नेशनल कालेज आफ स्कूल लीडरशिप‘ नाटिंघम, इंग्लैंड में प्रारंभ हुआ। इन्हीं के साथ जुड़कर न्यूपा द्वारा सन् 2012 में इस कार्यक्रम की शुरूआत की गई। संस्थाध्यक्षों के सतत् व्यावसायिक विकास (Continuous Professional Development) को दृष्टिगत रखते हुए यह कार्यक्रम लागू किया गया है। जब संस्थाध्यक्ष एक पहलकर्ता (Initiator), सुलभकर्ता (Facilitator) व अनुसमर्थनकर्ता (Supporter) के रूप में कार्य करेगा तभी वास्तविक नेतृत्व प्रदर्शित होगा। यही इस कार्यक्रम की मूल भावना है।

 

‘स्कूल लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम‘ संबंधी पाठ्यक्रम एवं सामग्री:- उक्त कार्यक्रम संबंधी पाठ्यक्रम, प्रशिक्षण साहित्य व सामग्री का विकास एन.सी.एस.एल., न्यूपा द्वारा ही किया गया है। उक्त कार्यक्रम क्रियान्वित करने हेतु इसे निम्न चार घटकों में डिजायन किया गया है-

1.            पाठ्यक्रम एवं सामग्री विकास (Curriculum and Material Development )

2.            क्षमता संवर्धन (Capacity Building Through Curricular Transaction )

3.            समन्वयन एवं संस्था विकास (Networking and Institution Development)

4.            शोध एवं विकास (Research and Development)

कार्यक्रम संबंधी पाठ्यचर्या रूपरेखा को निम्न छः प्रमुख क्षेत्रों (Key Areas) में बाँटा गया है:-

1.            विद्यालय नेतृत्व का दृष्टिकोण। (Perspective on School Leadership )

2.            आत्म विकास (Developing Self)

3.            शिक्षण-प्रशिक्षण पद्धति का रूपांतरण (Transforming Teaching-learning Process )

4.            दल बनाना व दल का नेतृत्व करना (Building and Leading Team )

5.            नवाचार का नेतृत्व करना (Leading Innovation )

6.            भागीदारी का नेतृत्व करना (Leading Partnerships )

 उक्त मुख्य क्षेत्रों से संबंधित दस दिवसीय प्रशिक्षण डिजायन किया गया है। इसमें राज्य अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप परिशोधन कर सकता है। दस दिवसीय प्रशिक्षण में प्रत्येक दिनों के सत्र, सत्रों में होने वाली गतिविधियाँ, केस अध्ययन, वीडियो क्लिपिंग, पावर प्वांइट प्रस्तुति आदि का समावेश किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान सक्रिय अधिगम व सहभागिता हेतु व्यक्तिगत, छोटे समूह व बडे़ समूह की गतिविधियों, ब्रेन स्टाॅर्मिंग आदि के द्वारा प्रशिक्षण पूर्ण रूप से गतिविधिपरक एवं सहभागितापूर्ण बनाया गया है।

कार्यक्रम संबंधी अद्यतन प्रगति:- उक्त कार्यक्रम को राष्ट्र स्तर पर एन.सी.एस.एल.-न्यूपा, राज्य में नोडल संस्था तथा जनपदों में ऐंकर संस्थाओं के आपसी समन्वय से विद्यालय स्तर पर पहुँचाने का प्रयास है। राज्य में उक्त कार्यक्रम के संदर्भ में सीमैट लीडरशिप अकादमी/नोडल संस्था के रूप में कार्य कर रही है जो ऐंकर संस्थाओं/डायट्स व एन.सी.एस.एल. से समन्वय स्थापित कर उक्त कार्यक्रम को विस्तार देने हेतु प्रयासरत है।

 स्कूल लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम हेतु राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2014-15 में 50 राज्य संदर्भ समूह (एस.आर.जी) के सदस्यों के प्रशिक्षण व 50 प्रधानाध्यापकों/प्रधानाचार्यों के प्रशिक्षण हेतु धनराशि अनुमन्य है। इसी क्रम में सीमैट द्वारा 09 अक्टूबर 2014 से 18 अक्टूबर, 2014 तक दस दिवसीय एस.आर.जी. प्रशिक्षण संपन्न किया जा चुका है जिसमें एन.सी.एस.एल.- न्यूपा से भी संदर्भदाता आए थे। उक्त एस.आर.जी. के माध्यम से ऐंकर संस्थाओं क्रमशः डायट पौड़ी गढ़वाल, चड़ी गाँव व डायट नैनीताल, भीमताल द्वारा अपने-अपने मंडल के चयनित संस्थाध्यक्षों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

 प्रारंभिक स्तर पर सर्व शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2014-15 में 30 राज्य संदर्भ समूह (एस.आर.जी) व 100 प्रधानाध्यापकों के प्रशिक्षण हेतु बजट अनुमोदित है। इस हेतु राज्य परियोजना कार्यालय सर्व शिक्षा अभियान द्वारा राज्य की दस डायट्स/ऐंकर संस्थाओं  को उक्तानुसार धनराशि आबंटित कर दी गई है। प्रारंभिक स्तर पर इस प्रशिक्षण हेतु इसी क्रम में दिनांक 12.01.2015 से 16.01.2015 तक सीमैट में राज्य संदर्भ समूह (एस.आर.जी) का अभिमुखीकरण प्रशिक्षण कम कार्यशाला आयोजित की गई।

कार्यक्रम का विस्तार:- यह कार्यक्रम पूरे वर्षभर का कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम के लिए सोलह दिन निर्धारित हैं। उक्त कार्यक्रम के संचालन के लिए वित्तीय वर्ष 2014-15 में माध्यमिक स्तर पर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान एवं प्रारंभिक स्तर पर सर्व शिक्षा अभियान में बजट भी सोलह दिवसों के संदर्भ में अनुमोदित है। सोलह दिवसों में से दस दिवस प्रशिक्षण के लिए तथा शेष छः दिवस समीक्षा बैठक, ऐंकर संस्था द्वारा विजिट (On Site Support ) व रिट्रीट हेतु हैं।

 

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  • To impart quality trainning to the educational administrators and functionaries.
  • To provide research based feedback and policy suggestions for the formation, revision and enrichment of education policy.
  • To help in planning and management of projects with mission mode programmes such as the SSA and  Rashtriya Madhmik Shiksha Abhiyan.
  • To provide carrier counseling and short term carrier development programmes for educational administrators.

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